Book Name:Sadqa ke Fawaid

दुन्या के लोगों की इस्लाह़ की कोशिश करनी है" को पाने के लिए भरपूर कोशिश करें, नेकी के कामों में एक दूसरे का साथ दें ।

पीर शरीफ़ का रोज़ा और मदनी इनआ़मात पर अ़मल के फ़वाइद

          अपनी इस्लाह़ की कोशिश के लिए मदनी इनआ़मात पर अ़मल को अपना मामूल बना लेना चाहिए । ٭ اَلْحَمْدُ لِلّٰہ मदनी इनआ़मात, अ़मल का जज़्बा बढ़ाने और गुनाहों से पीछा छुड़ाने का बेहतरीन नुस्ख़ा हैं । ٭ मदनी इनआ़मात पर अ़मल करने वालों से अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ बहुत ख़ुश होते और उन्हें दुआ़ओं से नवाज़ते हैं । ٭ मदनी इनआ़मात पर अ़मल की बरकत से ख़ौफे़ ख़ुदा व इ़श्के़ मुस्त़फ़ा की दौलत हाथ आती है । ٭ येह अ़ज़ीम तोह़फ़ा बुज़ुर्गाने दीन رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن की याद दिलाता है । ٭ बुज़ुर्गाने दीन رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن के नक़्शे क़दम पर चलते हुवे ग़ौरो फ़िक्र यानी अपने आमाल का मुह़ासबा करने का बेहतरीन ज़रीआ़ है । इन्ही मदनी इनआ़मात में से "मदनी इनआ़म नम्बर 50" है : क्या आप ने इस हफ़्ते पीर शरीफ़ (या रेह जाने की सूरत में किसी भी दिन) का रोज़ा रखा ? नीज़ इस हफ़्ते कम अज़ कम एक दिन खाने में जव शरीफ़ की रोटी तनावुल फ़रमाई ?

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! फ़र्ज़ रोज़ों के साथ साथ नफ़्ल रोज़ा रखना बहुत बड़ी सआ़दत की बात है । अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ ने मदनी इनआ़मात में नफ़्ल इ़बादात का शौक़ दिलाते हुवे हर पीर शरीफ़ को रोज़ा रखने की तरग़ीब दिलाई है और اَلْحَمْدُ لِلّٰہ जामिअ़तुल मदीना के त़लबए किराम और दीगर कसीर इस्लामी भाई, इसी त़रह़ जामिआ़तुल मदीना लिल बनात की त़ालिबात व मोअ़ल्लिमात के इ़लावा कसीर इस्लामी बहनें भी पीर शरीफ़ का नफ़्ल रोज़ा रखने की सआ़दत ह़ासिल करती हैं । आइए ! नफ़्ल रोज़ों की फ़ज़ीलत पर दो फ़रामीने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم सुनती हैं :

नफ़्ल रोज़ों की फ़ज़ीलत

1.      इरशाद फ़रमाया : अगर कोई शख़्स एक दिन नफ़्ली रोज़ा रखे फिर उसे ज़मीन भर सोना भी दे दिया जाए, तब भी इस का सवाब क़ियामत के दिन ही पूरा होगा । (مجمع الزوائد ، کتاب الصیام ، باب فی فضل الصوم ، ۳ / ۴۲۳ ،  حدیث :  ۵۰۹۲)

2.      इरशाद फ़रमाया : जिस ने لَآاِلٰہَ اِلَّا اللّٰہُ कहा और इसी पर उस का ख़ातिमा हुवा, तो वोह जन्नत में दाख़िल होगा । जो अल्लाह पाक की रिज़ा चाहते हुवे किसी दिन रोज़ा रखे फिर इसी पर उस का ख़ातिमा हो जाए, तो वोह जन्नत में दाख़िल होगा । जो अल्लाह पाक की रिज़ा के लिए सदक़ा करे और इसी पर उस का ख़ातिमा हो, तो वोह जन्नत में दाख़िल होगा । (مسند احمد بن حنبل ،  ۹  /  ۹۰ ، حدیث  :  ۲۳۳۷۴)

प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! रजबुल मुरज्जब का महीना जारी है, इस महीने में भी नफ़्ल रोज़े रखने की बड़ी बरकतें हैं, लिहाज़ा येह बरकतें व फ़ज़ाइल पाने के लिए इस महीने के अक्सर दिन अगर हो सके रोज़ा रख कर गुज़ारने की कोशिश कीजिए । अह़ादीसे मुबारका में रजब के नफ़्ल रोज़ों के बहुत से फ़ज़ाइल बयान किए गए हैं । चुनान्चे, रसूले अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم ने इरशाद