Book Name:Jahannam Say Bachany Waly Aamal

-3तीन आदमियों की आंखें जहन्नम न देखेंगी । एक वोह आंख जिस ने राहे ख़ुदा में पहरा दिया, दूसरी वोह आंख जो अल्लाह पाक के ख़ौफ़ से रोए और तीसरी वोह आंख जो अल्लाह पाक की ह़राम कर्दा चीज़ों की त़रफ़ उठने से रुक जाए । (المعجم الکبیر مسند بھز بن حکیم ،رقم ۱۰۰۳ ،ج۱۹، ص ۴۱۶)

ह़ज़रते सय्यिदुना अनस बिन मालिक رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ बयान करते हैं कि मैं ने रसूलुल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को फ़रमाते सुना है : ऐ लोगो ! रोओ ! अगर तुम को रोना न आए, तो रोने की कोशिश कर के रोओ क्यूंकि दोज़ख़ी दोज़ख़ में रोएंगे, ह़त्ता कि उन के आंसू उन के चेहरों पर इस त़रह़ बहेंगे कि गोया कि वोह नहरें हैं, ह़त्ता कि उन के आंसू ख़त्म हो जाएंगे फिर उन का ख़ून बहने लगेगा और वोह ख़ून इतना ज़ियादा बह रहा होगा कि अगर उस में कश्ती चलाई जाए, तो वोह चल पड़ेगी ।

 (سنن ابنِ ماجہ رقم الحدیث:4196،مسند ابو یعلیٰ رقم الحدیث 4134،مجمع الزوائد ج10،ص391،المطالب العالیہ رقم الحدیث 4673)

मुसलमानों की इ़ज़्ज़तों के मुह़ाफ़िज़ बनिये !

          मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! दिल में ख़ौफे़ ख़ुदा बिठाने के साथ साथ जन्नत में ले जाने वाले आ'माल में से एक अ़मल किसी मुसलमान की इ़ज़्ज़त व नामूस की ह़िफ़ाज़त करना भी है । लिहाज़ा अगर आप के सामने कोई आदमी किसी इस्लामी भाई की ख़त़ा या उस के ऐ़ब का तज़किरा उस की मौजूदगी में या पसे पुश्त (या'नी पीठ पीछे) शुरूअ़ करे, तो सुनने में अगर कोई मस्लह़ते शरई़ न हो, तो फ़ौरन एह़तिरामे मुस्लिम का लिह़ाज़ करते हुवे सवाबे आख़िरत कमाने की निय्यत से अपने इस्लामी भाई की इ़ज़्ज़त की ह़िफ़ाज़त करने की तरकीब कीजिये ।

          ताजदारे रिसालत, मुस्त़फ़ा जाने रह़मत صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने आ़फ़िय्यत निशान है : जो अपने (मुसलमान) भाई की पीठ पीछे उस की इ़ज़्ज़त का तह़फ़्फ़ुज़ करे, तो अल्लाह पाक के ज़िम्मए करम पर है कि वोह उसे जहन्नम से आज़ाद कर दे ।

 (موسوعة  لابن ابی الدنیا، کتاب الصَّمْت وآداب اللِّسان، باب ذب المسلم عن عرض أخیہ، الحدیث۲۴۱، ج۷، ص۱۶۰)