Book Name:Hazrat Musa Ki Shan o Azmat

तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : हम ने फ़रमाया कि पथ्थर पर अपना अ़सा मारो । (इस आयते करीमा) में “ पथ्थर “ से येही पथ्थर मुराद है । (अ़जाइबुल क़ुरआन मअ़ ग़राइबुल क़ुरआन, स. 29)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! रब्बे करीम ने ह़ज़रते मूसा عَلَیْہِ السَّلَام को और भी कई मोजिज़ात अ़त़ा फ़रमाए थे, जिन का ज़िक्र क़ुरआने करीम में भी बयान हुवा है । आइए ! पेहले हम ह़ज़रते मूसा عَلَیْہِ السَّلَام के अ़सा (लाठी) मुबारक के तअ़ल्लुक़ से आप के 3 मोजिज़ात के बारे में सुनती हैं । चुनान्चे,

1﴿...अ़सा, अज़्दहा बन गया

          फ़िरऔ़न ने ह़ज़रते मूसा عَلَیْہِ السَّلَام को शिकस्त देने के लिए एक मेला लगवाया, उस मेले में जहां लाखों इन्सानों का मजमअ़ था, वहीं जादूगरों का हुजूम भी अपनी जादूगरी का सामान ले कर जम्अ़ हो गया । जादूगरों ने फ़िरऔ़न की इ़ज़्ज़त की क़सम खा कर अपने जादू की लाठियों और रस्सियों को फेंका, तो एकदम वोह सांप बन कर पूरे मैदान में हर त़रफ़ फुंकारें मार कर दौड़ने लगीं, पूरा मजमअ़ ख़ौफ़ो हिरास में बद ह़वास हो कर इदर उधर भागने लगा । फ़िरऔ़न और उस के तमाम जादूगर करतब दिखा कर अपनी काम्याबी के ग़ुरूर के नशे में गुम हो गए और तालियां बजा बजा कर अपनी ख़ुशी का इज़्हार करने लगे कि इतने में अचानक ह़ज़रते मूसा عَلَیْہِ السَّلَام ने ख़ुदा पाक के ह़ुक्म से अपनी मुक़द्दस लाठी को उन सांपों के हुजूम में डाल दिया, जो बहुत बड़ा और निहायत ख़ौफ़नाक अज़्दहा बन कर जादूगरों के तमाम सांपों को निगल गया । येह मोजिज़ा देख कर तमाम जादूगर अपनी शिकस्त का एतिराफ़ करते हुवे सजदे में गिर पड़े और ब आवाज़े बुलन्द येह एलान करना शुरूअ़ कर दिया ): اٰمَنَّا بِرَبِّ هٰرُوْنَ وَ مُوْسٰى(۷۰) (پ۱۶ ، طٰهٰ : ۷۰ तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : हम हारून और मूसा के रब पर ईमान लाए । (अ़जाइबुल क़ुरआन मअ़ ग़राइबुल क़ुरआन, स. 23, बि तग़य्युरिन)

2﴿...अ़सा मारने से चश्मे जारी हो गए

          इसी त़रह़ जब बनी इसराईल मैदाने तीह में प्यास से बेताब हुवे, तो उन्हों ने ह़ज़रते मूसा عَلَیْہِ السَّلَام की बारगाह में ह़ाज़िर हो कर प्यास की शिकायत की, ह़ज़रते मूसा عَلَیْہِ السَّلَام ने पथ्थर पर अपना अ़सा मार दिया, तो उस पथ्थर में से बारह चश्मे फूट कर बेहने लगे और बनी इसराईल के बारह ख़ानदान अपने अपने एक चश्मे से पानी ले कर ख़ुद भी पीने लगे और अपने जानवरों को भी पिलाने लगे, पूरे चालीस बरस तक येह सिलसिला जारी रहा ।       येह ह़ज़रते मूसा عَلَیْہِ السَّلَام का मोजिज़ा था जो अ़सा और पथ्थर के ज़रीए़ ज़ाहिर हुवा ।

3﴿...अ़सा की मार से दरया फट गया

          जब आप बनी इसराईल को ले कर मिस्र से रवाना हुवे, तो रास्ते में एक दरया आया । अल्लाह पाक ने ह़ज़रते मूसा عَلَیْہِ السَّلَام को ह़ुक्म फ़रमाया : तुम अपनी लाठी दरया पर मार दो । चुनान्चे, जूंही आप ने दरया पर लाठी मारी, तो फ़ौरन ही दरया में से बारह सड़कें बन गईं और