Book Name:Achy amaal ki barkaten
पार होगा और اِنْ شَآءَ اللّٰہ हंसते मुस्कुराते मक्की मदनी आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के पीछे पीछे जन्नत में दाख़िल हो जाएंगे ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! क़ुरआने करीम में मुख़्तलिफ़ मक़ामात पर बयान हुवा है कि जो अच्छे आमाल करेंगे, उन्हें जन्नत मिलेगी । चुनान्चे, अल्लाह पाक पारह 30, सूरतुल बय्यिना की आयत नम्बर 7 और 8 में इरशाद फ़रमाता है :
اِنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَ عَمِلُوا الصّٰلِحٰتِۙ-اُولٰٓىٕكَ هُمْ خَیْرُ الْبَرِیَّةِؕ(۷) جَزَآؤُهُمْ عِنْدَ رَبِّهِمْ جَنّٰتُ عَدْنٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَاۤ اَبَدًاؕ-رَضِیَ اللّٰهُ عَنْهُمْ وَ رَضُوْا عَنْهُؕ-ذٰلِكَ لِمَنْ خَشِیَ رَبَّهٗ۠(۸) (پ۳۰، البینہ:۷، ۸)
तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : बेशक जो ईमान लाए और उन्हों ने अच्छे काम किए, वोही तमाम मख़्लूक़ में सब से बेहतर हैं, उन का सिला उन के रब के पास बसने के बाग़ात हैं जिन के नीचे नहरें बेहती हैं, उन में हमेशा हमेशा रहेंगे ।
٭ इसी त़रह़ पारह 11, सूरए यूनुस, आयत नम्बर 9 में इरशाद होता है :
اِنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَ عَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ یَهْدِیْهِمْ رَبُّهُمْ بِاِیْمَانِهِمْۚ-تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهِمُ الْاَنْهٰرُ فِیْ جَنّٰتِ النَّعِیْمِ(۹) (پ۱۱،یونس:۹)
तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : बेशक वोह लोग जो ईमान लाए और उन्हों ने अच्छे आमाल किए, उन का रब उन के ईमान के सबब उन की रेहनुमाई फ़रमाएगा, उन के नीचे नहरें बेहती होंगी, (वोह) नेमतों के बाग़ों में होंगे ।
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! ग़ौर कीजिए ! नेक आमाल की इस से बढ़ कर और क्या बरकतें हो सकती हैं कि उन के सबब जन्नत जैसी आ़लीशान और हमेशा रेहने वाली नेमत भी मिल सकती है । यक़ीनन अ़क़्लमन्द वोही है जो जन्नत की हमेशा रेहने वाली नेमतों को इस जहान की फ़ानी नेमतों पर तरजीह़ दे और उन नेमतों को ह़ासिल करने की कोशिश करे जो हमेशा रेहने वाली हैं । यक़ीनन दुन्या की मह़ब्बत और मालो दौलत की ख़्वाहिश से बच कर जन्नत पाने के लिए अ़मल करना इन्तिहाई मुश्किल है लेकिन अगर हम आख़िरत में मिलने वाली आसानियों, ख़ुशियों और सहूलतों पर नज़र रखेंगी, तो यक़ीनन हमारे लिए अ़मल करना आसान होगा । इस को यूं समझिए कि अगर किसी के सामने एक सौ रुपये का नोट रखा जाए, उसी के बराबर में एक लाख रुपये के नोटों की गड्डी भी रख दी जाए फिर उन दोनों में से किसी एक को लेने का इख़्तियार दिया जाए, तो यक़ीनन वोह एक लाख रुपये ही लेना पसन्द करेगी । बिल्कुल इसी त़रह़ दुन्या और जो कुछ इस में है उस की मिसाल एक सौ रुपये के नोट जैसी है जब कि आख़िरत में मिलने वाले फ़ाइदे और जन्नत में मिलने वाली नेमतें तो ऐसी हैं जिन का कोई मोल ही नहीं क्यूंकि दुन्या की आ़रज़ी नेमतों का, जन्नत की हमेशा रेहने वाली नेमतों से कोई मुक़ाबला ही नहीं । आइए ! तरग़ीब के लिए जन्नत की चन्द बहारें मुलाह़ज़ा कीजिए । चुनान्चे,