Book Name:Achy amaal ki barkaten
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ मदनी इनआ़मात रोज़ाना नेकियां कमाने का वोह अ़ज़ीम मदनी नुस्ख़ा है जिस के ज़रीए़ सुब्ह़ से ले कर रात सोने तक अच्छे आमाल करने के कसीर मवाके़अ़ मिलते हैं, बादे फ़ज्र 3 आयात मअ़ तर्जमा व तफ़्सीर तिलावत करना या सुनना, इश्राक़ व चाश्त के नवाफ़िल पढ़ना, पांचों नमाज़ें अदा करना, नमाज़े पंजगाना के बाद नीज़ सोते वक़्त कम अज़ कम एक एक बार आयतुल कुर्सी, सूरए इख़्लास और तस्बीह़े फ़ात़िमा पढ़ना, रात में सूरए मुल्क पढ़ना या सुनना, मदनी दर्स (दर्से फै़ज़ाने सुन्नत) वग़ैरा देने या सुनने की सआ़दत पाना, मद्रसतुल मदीना बालिग़ात में पढ़ना या पढ़ाना, हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में शिर्कत व मदनी मुज़ाकरे देखना और दीगर मदनी इनआ़मात पर अ़मल के ज़रीए़ सवाब का ढेरों ख़ज़ाना ह़ासिल कर सकती हैं ।
याद रखिए ! शैत़ान कभी भी येह नहीं चाहेगा कि हम मदनी इनआ़मात पर अ़मल कर के दिन भर में इतनी ज़ियादा नेकियां करने में कामयाब हो जाएं, वोह इस नेक काम से रोकने के लिए लाख कोशिशें करेगा, त़रह़ त़रह़ के वस्वसों मसलन "मैं तो बहुत मसरूफ़ हूं", "इतना वक़्त कहां है ?", "कल से करूंगी" में मुब्तला कर के बेहकाने की कोशिश करेगा । अगर हम इन वस्वसों पर तवज्जोह दिए बिग़ैर मदनी इनआ़मात पर कुछ देर के लिए ग़ौर करें, तो शायद ह़ैरान रेह जाएंगी कि जिन मदनी इनआ़मात पर अ़मल करना मुश्किल (Difficult) लगता है, उन पर अ़मल करना तो बहुत ही आसान है ।
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! आप को अच्छी त़रह़ अन्दाज़ा हो गया होगा कि शैत़ान हमें जिन मदनी इनआ़मात पर अ़मल करना मुश्किल मह़सूस करवा रहा था, उन पर अ़मल करना तो बहुत ही आसान है । मौजूदा दौर में एक मुसलमान के लिए मदनी इनआ़मात पर अ़मल किस क़दर ज़रूरी है, इस का अन्दाज़ा उसी वक़्त हो सकेगा जब हम "मदनी इनआ़मात" के रिसाले का ग़ौर से मुत़ालआ़ करेंगी । इन मदनी इनआ़मात में फ़राइज़ो वाजिबात और सुननो मुस्तह़ब्बात पर अ़मल की तरग़ीब के साथ साथ कहीं अख़्लाक़िय्यात के
निकात हैं, तो कहीं गुनाहों से बचने और आसानी से नेकियां करने के त़रीके़ अपनी बरकतें लुटा रहे हैं । लिहाज़ा अगर हम भी गुनाहों की बीमारियों से छुटकारा पा कर नेकियों की शैदाई बनना चाहती हैं, तो आज ही से मदनी इनआ़मात पर अ़मल शुरूअ़ कर देना चाहिए, اِنْ شَآءَ اللّٰہ इस की ढेरों बरकतें अपनी आंखों से देखेंगी । ऐ काश ! हम भी फै़ज़ाने मदनी इनआ़मात से ह़िस्सा पाने के लिए हर माह मदनी इनआ़मात का रिसाला ह़ासिल किया करें, एक वक़्त मुक़र्रर कर के रोज़ाना ग़ौरो फ़िक्र करने की सआ़दत ह़ासिल करें, हर माह पाबन्दी के साथ मदनी इनआ़मात का रिसाला जम्अ़ भी करवाएं ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
आ़मिलीने मदनी इनआ़मात के लिए "दुआ़ए अ़त़्त़ार"
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ ने मदनी इनआ़मात का सिलसिला क्यूं शुरूअ़ फ़रमाया ? इस की वज्ह बयान करते हुवे फ़रमाते हैं : मदनी काम में तरक़्क़ी,