Book Name:Moasharay Ki Islah
ख़ज़ाना लूटते हैं । इस त़रह़ जहां इन्हें मुआ़फ़ कर देने का सवाब पाने का मौक़अ़ मिलता है, वहीं मुआ़शरे में भी अमनो सुकून की फ़ज़ा फलती फुलती है । आइए ! तरग़ीब के लिए एक ईमान अफ़रोज़ वाक़िआ़ सुनती हैं । चुनान्चे,
मुआ़फ़ करना क़ुदरत के बाद ही होता है !
ह़ज़रते मामर बिन राशिद رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ बयान करते हैं : एक शख़्स ने ह़ज़रते क़तादा बिन दिआ़मा رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ के साह़िबज़ादे को ज़ोरदार थप्पड़ मारा । आप رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ ने बेटे से फ़रमाया : तुम भी उसी त़रह़ इसे थप्पड़ मारो जिस त़रह़ इस ने तुम्हें मारा और फ़रमाया : बेटा ! आस्तीनें ऊपर कर लो और हाथ बुलन्द कर के ज़ोरदार थप्पड़ मारो । चुनान्चे, बेटे ने आस्तीनें ऊपर कीं और थप्पड़ मारने के लिए हाथ बुलन्द किया, तो आप رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ ने उस का हाथ पकड़ लिया और फ़रमाया : हम ने रिज़ाए इलाही के लिए इसे मुआ़फ़ किया क्यूंकि कहा जाता है कि मुआ़फ़ करना क़ुदरत के बाद ही होता है । (अल्लाह वालों की बातें, 2 / 519)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ और मुआ़शरे की इस्लाह़
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! बुज़ुर्गाने दीन رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن का मुआ़फ़ी और मुआ़शरे की इस्लाह़ का जज़्बा मरह़बा ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! बुज़ुर्गाने दीन رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن की सोह़बत से तरबियत याफ़्ता अमीरे अहले सुन्नत, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ भी मुआ़शरे की इस्लाह़ करने के मुआ़मले में बेह़द मुतह़र्रिक (Active) हैं । आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ इस्लाह़े मुआ़शरा के लिए कई अहम कामों में मसरूफ़ हैं, आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ लोगों को नर्मी व मह़ब्बत से नेकी की दावत दे कर गुनाहों से रोकने के लिए हर दम मसरूफ़ हैं । अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ जहां इनफ़िरादी कोशिश के ज़रीए़ मुआ़शरे की इस्लाह़ कर रहे हैं, वहीं अपने मदनी मुज़ाकरों के ज़रीए़ भी मुआ़शरे की इस्लाह़ में अहम किरदार अदा कर रहे हैं । आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के मदनी मुज़ाकरे तासीर का तीर बन कर असर कर रहे हैं, मदनी मुज़ाकरे देखने, सुनने वालों की तवज्जोह का आ़लम देखने के क़ाबिल होता है, आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी के सुन्नतों भरे इजतिमाआ़त हों या मदनी मुज़ाकरे, कसीर आ़शिक़ाने रसूल आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के इरशादात से भरपूर फ़ाइदा ह़ासिल करते हैं, सिर्फ़ येही नहीं बल्कि आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के सुन्नतों भरे बयानात व मदनी मुज़ाकरे मदनी चेनल के ज़रीए़ घरों और जामिआ़त वग़ैरा में भी निहायत शौक़ से देखे और सुने जाते हैं, आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ का अन्दाज़े बयान बेह़द