Book Name:Shetan Ki Insan Se Dushmani

शैत़ान हमारी इ़बादत, सदक़ातो ख़ैरात को मक़्बूल होने से रोकने के लिए अपना पूरा ज़ोर लगा देता है, हमारी इ़बादत में कोई ऐसी ग़लत़ी करवाने की कोशिश करता है जो इसे ज़ाएअ़ कर दे या फिर इ़बादत के बाद हमारे दिल में मश्हूर होने की ख़्वाहिश पैदा होती है, कोई हमारी नेकियों का चर्चा करे न करे, हम ख़ुद बिला ज़रूरते शरई़ अपनी नेकियों का इज़्हार कर के "अपने मुंह मियां मिठ्ठू" बनने से बाज़ नहीं आतीं और यूं शैत़ान के फैलाए हुवे रियाकारी के जाल में जा फंसती हैं ।

रियाकारी की तारीफ़

          अमीरे अहले सुन्नत, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ "नेकी की दावत" के सफ़ह़ा 66 पर लिखते हैं : अल्लाह पाक की रिज़ा के इ़लावा किसी और इरादे से इ़बादत करना (रियाकारी है) । आइए ! अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की किताब "नेकी की दावत" ह़िस्सा अव्वल, सफ़ह़ा 73 से रियाकारी की चन्द मिसालें सुनती हैं : ख़याल रहे ! रियाकारी एक ऐसा अ़मल है जिस का सारा दारो मदार निय्यत पर है, लिहाज़ा जो मिसालें पेश की जा रही हैं वोह अगर्चे रियाकारी ही की हैं लेकिन कई मक़ामात पर निय्यत के फ़र्क़ से अह़काम में तब्दीली हो जाती है । आइए ! अपनी इस्लाह़ की निय्यत से तवज्जोह के साथ सुनिए ।

रियाकारी की 10 मिसालें

          (1) फ़न्ने क़िराअत इस लिए सीखना कि क़ारिया कहा जाए । (2) अपने लिए आ़जिज़ी के अल्फ़ाज़ मसलन गुनहगार, नाकारा वग़ैरा इस लिए बोलना या लिखना कि इस्लामी बहनें सादा मिज़ाज समझें और आ़जिज़ी की तारीफ़ करें । (3) इस्लामी बहनों से इस लिए अच्छे त़रीके़ से मिलना कि अच्छे अख़्लाक़ वाली केहलाए । (4) दुआ़ वग़ैरा में रोना आ जाए, तो इस लिए आंसू पोंछते रेहना कि इस्लामी बहनों पर येह तास्सुर क़ाइम हो कि येह रियाकारी से बचने के लिए जल्दी जल्दी आंसू पोंछ लेती है । (5) इस्लामी बहनों के दिलों में जगह बनाने के लिए इस त़रह़ के जुम्ले केहना : मुझे गुनाहों से बड़ा डर लगता है, मुझे बुरे ख़ातिमे का ख़ौफ़ रेहता है, हाए ! अन्धेरी क़ब्र में क्या होगा ? आह ! क़ियामत में ह़िसाब कैसे दूंगी ? वग़ैरा । (6) इस्लामी बहनों पर अपनी दुन्या से बे रग़बती और नेक नामी की छाप डालने के लिए केहना : मैं तो मालदार और शख़्सिय्यात इस्लामी बहनों से मिलने से बचती हूं । (7) किसी की मुसीबत का सुन कर हमदर्दाना जुम्ले केहना कि इस्लामी बहनें रह़म दिल कहें । (8) हाथ में इस लिए तस्बीह़ रखना और नुमायां करना या इस्लामी बहनों के सामने इस लिए होंट हिला हिला कर या उन्हें आवाज़ पहुंचे, इस त़रह़ दुरूदो अज़्कार पढ़ना कि नेक समझी जाए । (9) इस्लामी बहनों के सामने खाते, पीते, उठते, बैठते वग़ैरा मवाके़अ़ पर सुन्नतों का अच्छी त़रह़ ख़याल रखना जब कि अकेले में सुन्नतों का एहतिमाम न करना । (10) दावत में या इस्लामी बहनों की मौजूदगी में इस लिए कम