Book Name:Siddique e Akbar Ki Sakhawat
आवाज़ से जवाब दूंगी । ٭ इजतिमाअ़ के बाद ख़ुद आगे बढ़ कर सलाम व मुसाफ़ह़ा और इनफ़िरादी कोशिश करूंगी । ٭ दौराने बयान मोबाइल के ग़ैर ज़रूरी इस्तिमाल से बचूंगी, न बयान रीकॉर्ड करूंगी, न ही और किसी क़िस्म की आवाज़ (कि इस की इजाज़त नहीं) । जो कुछ सुनूंगी, उसे सुन और समझ कर, उस पे अ़मल करने और उसे बा'द में दूसरों तक पहुंचा कर नेकी की दावत आम करने की सआदत ह़ासिल करूंगी ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! जुमादल उख़रा इस्लामी साल का छटा महीना है, इस महीने की 22 तारीख़ को आ़शिके़ अक्बर, सालारे सह़ाबा, पैकरे सिद्क़ो वफ़ा, यारे ग़ार व यारे मज़ार, पेहले ख़लीफ़ए राशिद, अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ का यौमे उ़र्स है । इस में कुछ शक नहीं कि इमामत हो या ख़िलाफ़त, करामत हो या शराफ़त, सदाक़त हो या शुजाअ़त, ख़ौफे़ ख़ुदा हो या इ़श्के़ मुस्त़फ़ा, अल ग़रज़ ! हर एतिबार से अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सिद्दीके़ अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ का एक अहम (Important) मक़ाम है । आज के बयान में हम आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ का मुख़्तसर तआ़रुफ़ और आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ की सख़ावत का तज़किरा सुनेंगी । काश ! सारा बयान अच्छी अच्छी निय्यतों के साथ सुनना नसीब हो जाए । आइए ! पेहले अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सिद्दीके़ अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ का अल्लाह पाक के प्यारे रसूल صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के ह़ुक्म पर अपना सारा माल राहे ख़ुदा में पेश करने का बे मिसाल वाक़िआ़ सुनिए । चुनान्चे,
अल्लाह पाक और उस का रसूल ही काफ़ी है
ह़ज़रते उ़मर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ फ़रमाते हैं : ग़ज़्वए तबूक की तय्यारी के सिलसिले में एक बार अल्लाह पाक के प्यारे ह़बीब صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने सह़ाबए किराम عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان से इरशाद फ़रमाया : अपना माल अल्लाह पाक की राह में