Book Name:Siddique e Akbar Ki Sakhawat

मुसलमानों की माली ख़िदमत

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! बयान के आग़ाज़ में हम ने सुना था कि ग़ज़्वए तबूक के मौक़अ़ पर आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने माली ख़िदमत का कैसा अ़ज़ीम मुज़ाहरा फ़रमाया, तारीख़ में इस की मिसाल नहीं मिलती, आप ने अपना सारा माल इस्लाम और मुसलमानों पर निछावर कर दिया, ह़त्ता कि आप बारगाहे  रिसालत में ह़ाज़िर हुवे, तो बबूल के कांटों वाला लिबास पेहने हुवे थे । (تاریخ مدینۃ دمشق، رقم ۳۳۹۸، عبداللہ۔۔۔الخ ،۳۰/۷۱)

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! आप ने सुना कि अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सिद्दीके़ अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ अपना माल राहे ख़ुदा में ख़र्च करने में किस क़दर आगे थे कि बाज़ मौक़ओ़ं पर तो आप ने अपना सारा का सारा माल अल्लाह पाक की राह में ख़र्च के लिए पेश फ़रमाया । हमें भी चाहिए कि नेकी के कामों और अल्लाह पाक की राह में ज़ियादा से ज़ियादा सदक़ा व ख़ैरात करती रहें ।

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! मक्की मदनी मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अपनी ज़बाने ह़क़्क़े तर्जुमान से सदके़ के कई फ़ज़ाइल इरशाद फ़रमाए हैं । आइए ! सदके़ के फ़ज़ाइल पर 8 फ़रामीने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ सुनती हैं । चुनान्चे,

सदके़ के फ़ज़ाइल पर मुश्तमिल 8 फ़रामीने मुस्त़फ़ा

  1. इरशाद फ़रमाया : सदक़ा बुराई के 70 दरवाज़े बन्द करता है । (معجم کبير،۴/۲۷۴،حديث:۴۴۰۲)
  2. इरशाद फ़रमाया : हर शख़्स (क़ियामत के दिन) अपने सदके़ के साए में होगा, यहां तक कि लोगों के दरमियान फै़सला फ़रमा दिया जाए । (معجم کبير ، ۱۷/ ۲۸۰، حديث: ۷۷۱)
  3. इरशाद फ़रमाया : बेशक सदक़ा करने वालों को सदक़ा क़ब्र की गर्मी से बचाता है और बिला शुबा मुसलमान क़ियामत के दिन अपने सदके़ के साए में होगा । (شعب الايمان، باب الزکاة،التحریض علی صدقة التطوع،۳/۲۱۲، حديث:۳۳۴۷)