Book Name:Faizan-e-Ghous-ul-Azam

          आ़शिक़ाने ग़ौसुल आज़म ! आप ने सुना कि सरकारे बग़दाद, ह़ुज़ूरे ग़ौसे पाक رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ की इक निगाहे फै़ज़ से उस चोर के दिल की आलूदगी धुल गई और आप رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ ने उसे वक़्त का क़ुत़ुब बना दिया ग़ौर कीजिए ! जब अल्लाह पाक के वली की निगाह से चोर "क़ुत़ुब" बन सकते हैं, तो हमारे गुनाहों के मैल और दिलों के ज़ंग को धोना उन के लिए क्या बड़ी बात है ? इस लिए हमें औलियाए किराम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن की सोह़बत में रेहना चाहिए क्यूंकि औलियाए किराम की सोह़बत दिलों की काया पलटने का सबब है, औलियाए किराम की सोह़बत शैत़ान के धोके से बचने का ज़रीआ़ है, औलियाए किराम की सोह़बत नेकियों की त़रफ़ माइल होने का नुस्ख़ा है, औलियाए किराम की सोह़बत नफ़्स पर ग़लबा पाने का सबब है, औलियाए किराम की सोह़बत दिलों के ज़ंग को ख़त्म करने का ज़रीआ़ है, औलियाए किराम की सोह़बत गुनाहों के मैल धुलने का सबब है, औलियाए किराम की सोह़बत इन्सान के बात़िन को साफ़ शफ़्फ़ाफ़ करने का ज़रीआ़ है, औलियाए किराम की सोह़बत नेकियों की त़रफ़ माइल होने का रास्ता है, अल ग़रज़ ! औलियाए किराम की सोह़बत कई भलाइयों का मजमूआ़ है

          औलियाए किराम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن की क़ुर्बत और उन से मह़ब्बत के फ़वाइद बताते हुवे ह़ज़रते अह़मद बिन ह़र्ब رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ फ़रमाते हैं : नेकों से मह़ब्बत करना, उन की सोह़बत में रेहना और उन के अफ़्आ़ल अक़्वाल देख कर अ़मल करना, इन्सान के दिल को सब से ज़ियादा फ़ाइदा देने वाला है (تنبیہ المغترین،الباب الاوّل،غیرتہم اذاا نتہکت حرماتہ،ص۴۱)

          आ़शिक़ाने औलिया ! येह एक ह़क़ीक़त है कि अल्लाह पाक जिस के सर पर विलायत का ताज सजाता है, तो उस की ज़ात से ऐसी ऐसी चीज़ें ज़ाहिर होती हैं कि अ़क़्लें ह़ैरान रेह जाती हैं मसलन अल्लाह पाक की अ़त़ा से औलियाए किराम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن मुर्दों को ज़िन्दा कर सकते हैं, औलियाए किराम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن की बरकत से बारिशें होती हैं, अल्लाह पाक की अ़त़ा से औलियाए किराम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن मरीज़ों को अच्छा कर देते हैं, औलियाए किराम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن अ़त़ाए इलाही से ग़ैब की बातों को जान लेते हैं, अल्लाह पाक की अ़त़ा से औलियाए किराम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن दिलों के ज़ंग को दूर फ़रमा देते हैं और औलियाए किराम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن, अल्लाह पाक की अ़त़ा से मख़्लूक़े ख़ुदा की मुश्किल कुशाई भी फ़रमाते हैं

          اَلْحَمْدُ لِلّٰہ हमारे ग़ौसे पाक رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ जिन का क़दमे पाक तमाम औलियाए किराम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن की गरदनों पर है, आप رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ को भी रब्बे करीम ने येह