Book Name:Faizan-e-Ghous-ul-Azam

4﴿...ह़ज़रते शैख़ अबू बक्र हुवार رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ की ख़ुश ख़बरी

          इसी त़रह़ ह़ज़रते शैख़ अबू बक्र बिन हुवार رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ ने एक रोज़ अपने मुरीदीन से फ़रमाया : अ़न क़रीब इ़राक़ में एक अ़जमी शख़्स जो अल्लाह पाक और लोगों के नज़दीक बुलन्द मर्तबे वाला होगा, उस का नाम "अ़ब्दुल क़ादिर" होगा, वोह बग़दाद शरीफ़ में रिहाइश इख़्तियार करेगा, قَدَمِیْ ھٰذِہٖ عَلٰی رَقَبَۃِ کُلِّ وَلِیِّ اللہِ (यानी मेरा येह क़दम हर वली की गरदन पर है) का एलान फ़रमाएगा और ज़माने के तमाम औलियाए किराम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن उस के फ़रमां बरदार होंगे (ग़ौसे पाक के ह़ालात, . 23, بہجۃالاسرار،ذکراخبارالمشایخ عنہ بذالک،ص۱۴)

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! ह़ुज़ूरे ग़ौसे पाक رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ पैदाइशी वली थे आप رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ अभी अपनी वालिदए मोह़तरमा رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہَا के पेट मुबारक में थे, वालिदए मोह़तरमा رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہَا को जब छींक आती, इस पर वोह "اَلْحَمْدُ لِلّٰہ" केहतीं, तो आप رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ पेट ही में जवाबन "یَرْحَمُکِ اللّٰہُ" केहते आप رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ यकुम रमज़ानुल मुबारक सुब्ह़े सादिक़ के वक़्त दुन्या में तशरीफ़ लाए, उस वक़्त होंट आहिस्ता आहिस्ता ह़रकत कर रहे थे और अल्लाह ! अल्लाह ! की आवाज़ रही थी (मुन्ने की लाश, . 4-5)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

खेल कूद से बे रग़बती

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! देखा जाता है कि बचपन में उ़मूमन बच्चे खेल कूद की त़रफ़ राग़िब होते हैं और पढ़ाई से दूर भागते हैं जब कि हमारे ग़ौसे पाक رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ की शान तो देखिए कि बचपन ही से आप رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ को खेल कूद से कोई रग़बत नहीं थी, निहायत साफ़ सुथरे रेहते और ज़बाने मुबारक से कभी कोई कम अ़क़्ली की बात निकलती थी अपने बचपन के बारे में ख़ुद इरशाद फ़रमाते हैं : उ़म्र के इब्तिदाई दौर में जब कभी मैं लड़कों के साथ खेलना चाहता, तो ग़ैब से आवाज़ आती थी : खेल कूद से बाज़ रहो ! जिसे सुन कर मैं रुक जाया करता था और अपने आस पास नज़र डालता, तो मुझे कोई केहने वाला दिखाई देता था जिस से मुझे घबराहट सी मालूम होती, मैं जल्दी से भागता हुवा घर आता और वालिदए मोह़तरमा رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہَا की गोद में छुप जाता था, अब वोही आवाज़ मैं अपने अकेले में सुना करता हूं, अगर मुझे नींद आती है, तो फ़ौरन मेरे कानों में कर मुझे ख़बरदार कर देती है कि "तुम को इस लिए नहीं पैदा किया गया है कि तुम सोया करो " (بہجۃ الاسرار،ص۴۸)