Book Name:Faizan-e-Ghous-ul-Azam
आख़िर वोह कौन सी चीज़ है जिस की बरकत से इतनी सारी बरकतें मिलती हैं ? आप जब भी मदनी चेनल लगाएंगे, या तो तिलावते क़ुरआन की आवाज़ आ रही होगी या नाते मुस्त़फ़ा के तराने गूंज रहे होंगे, कभी ह़लाल व ह़राम के मस्अले बयान हो रहे होंगे, कभी सुन्नतों भरे बयान के ज़रीए़ नेकी की दावत दी जा रही होगी, अल ग़रज़ ! मदनी चेनल हर वक़्त, दिन हो या रात हमें और हमारे बच्चों को कोई न कोई नेकी की बात बताएगा, अच्छी चीज़ सिखाएगा, हम एक बार घर में मदनी चेनल लगाएं तो सही ।
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी ने इलेक्ट्रोनिक मीडिया की दुन्या में एक और शानदार इन्क़िलाबी कारनामा अन्जाम दिया है, वोह अ़ज़ीमुश्शान कारनामा और ख़ुशी की बात येह है कि यकुम रबीउ़ल अव्वल 1441 सिने हिजरी, ब मुत़ाबिक़ 30 अक्तूबर 2019 ई़सवी से मदनी चेनल पर बच्चों के लिए "Kids Madani Channel" के नाम से ख़ुसूसी नश्रिय्यात का आग़ाज़ हो चुका है जिस का दौरानिया हिन्द के वक़्त के मुत़ाबिक़ रोज़ाना शाम 4.30 बजे से ले कर 6.30 बजे तक होता है । लिहाज़ा मौक़अ़ को ग़नीमत जानते हुवे अपने बच्चों बच्चियों को दो घन्टे की येह मुख़्तसर सी नश्रिय्यात ज़रूर दिखाइए और इस की बरकतें पाइए । बिलफ़र्ज़ किसी अ़लाके़ में मदनी चेनल चलने के ह़वाले से कोई मस्अला (Problem) हो, तो मुतअ़ल्लिक़ा शोबे के ज़िम्मेदारान से राबित़ा कीजिए ।
इस के इ़लावा اَلْحَمْدُ لِلّٰہ अमीरे अहले सुन्नत, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ ने बच्चों की मदनी तरबियत के लिए बच्चों की सच्ची कहानियां लिखी हैं जिस में बहुत ही प्यारे प्यारे उ़न्वान हैं, अन्दाज़ भी बहुत आसान रखा है ताकि बच्चे आसानी से समझ सकें, साथ में जगह जगह ख़ाके बनाए गए हैं ताकि बच्चों के लिए कशिश हो । बच्चों की येह कहानियां मक्तबतुल मदीना से क़ीमतन त़लब कीजिए और अगर वेबसाइट से पढ़ना चाहें, तो दावते इस्लामी की वेबसाइट www.dawateislami.net से आप इन कहानियों को पढ़ भी सकते हैं, डाउनलोड भी कर सकते हैं और इस की प्रिन्ट भी निकाल सकते हैं । उन रसाइल के नाम येह हैं : (1) नूरवाला चेहरा (2) फ़िरऔ़न का ख़्वाब (3) बेटा हो तो ऐसा (4) झूटा चोर ।
औलाद के ह़ुक़ूक़ पर मुश्तमिल दिलचस्प सुवाल व जवाब भी इसी वेबसाइट और मेमोरी कार्ड बनाम "फै़ज़ाने मदनी मुज़ाकरा नम्बर 8" से देखे और बच्चों को दिखाए जा सकते हैं । ऐ काश ! बच्चों को जिन्नों और भूतों की कहानियां पढ़ाने या