Book Name:Khud Kushi Kay Asbab
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! आज के हमारे बयान का मौज़ूअ़ है "ख़ुदकुशी के अस्बाब" । ख़ुदकुशी के बुन्यादी त़ौर पर चार अस्बाब हैं : (1) दीन से दूरी । (2) मुआ़शी परेशानियां । (3) मायूसी और (4) घरेलू नाचाक़ियां । आज हम इन्ही चार मौज़ूआ़त के बारे में सुनेंगी । इन अस्बाब के क्या इ़लाज हैं ? येह भी सुनेंगी । पूरा बयान अच्छी अच्छी निय्यतों के साथ सुनिए, اِنْ شَآءَ اللّٰہ ढेरों मालूमात ह़ासिल होंगी । आइए ! सब से पेहले एक इ़ब्रतनाक ह़िकायत सुनती हैं ।
बे मिसाल बहादुर
ह़ज़रते अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ फ़रमाते हैं : हम रसूले करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के साथ (एक ग़ज़्वे में) ह़ाज़िर थे । एक शख़्स जो इस्लाम का दावा करता था, रसूले अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने उस के बारे में फ़रमाया : येह दोज़ख़ियों में से है । (ह़ज़रते अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ फ़रमाते हैं :) जब लड़ाई शुरूअ़ हुई, तो वोह शख़्स बहुत शिद्दत से लड़ा और उसे ज़ख़्म लग गया । किसी ने अ़र्ज़ की : या रसूलल्लाह صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ! जिस के बारे में आप ने फ़रमाया था कि "वोह दोज़ख़ियों में से है" वोह आज बड़ी बहादुरी से लड़ा है और मर गया है । तो रसूले ख़ुदा, मक्की मदनी आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : वोह जहन्नम में गया । क़रीब था कि बाज़ लोग शक में पड़ जाते कि इतने में किसी ने कहा : वोह मरा नहीं था बल्कि उसे शदीद ज़ख़्म लगा था, जब रात हुई, तो उस ने उस ज़ख़्म की तक्लीफ़ पर सब्र न किया और ख़ुदकुशी कर ली । आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को इस बात की ख़बर दी गई, तो आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : अल्लाहु अक्बर ! मैं गवाही देता हूं कि मैं अल्लाह पाक का बन्दा और उस का रसूल हूं । फिर आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने ह़ज़रते बिलाल رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ को एक एलान करने का ह़ुक्म फ़रमाया । तो ह़ज़रते बिलाल رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने लोगों में येह एलान फ़रमा दिया : जन्नत में सिर्फ़ मुसलमान दाख़िल होगा और बेशक अल्लाह पाक इस दीन की ताईद किसी फ़ाजिर से (भी) करवा देता है । (بُخارِی،کتاب الجہاد السیر،باب ان اللہ یؤید الدین بالرجل الفاجر، ۲/۳۲۸، حدیث: ۳۰۶۲)
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! बयान कर्दा वाक़िए़ से तीन निकात सामने आए : (1) हमारे आक़ा, मदीने वाले दाता صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ, अल्लाह पाक की अ़त़ा से इ़ल्मे ग़ैब जानते हैं, जभी उस शख़्स के बारे में इरशाद फ़रमा दिया कि वोह दोज़ख़ियों में से है । ह़ज़रते इमाम नववी رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ फ़रमाते हैं : उसे इस लिए दोज़ख़ी फ़रमाया कि ख़ुदकुशी गुनाह है और वोह शख़्स दोज़ख़ में अपने गुनाह की सज़ा भुगत कर जन्नत में जाएगा । एक क़ौल येह भी है कि ख़ुदकुशी करने वाला येह शख़्स मुनाफ़िक़ था । (شرحِ نَوَوِی،الجزء الثانی،۱ /۱۲۳) (2) ब ज़ाहिर कोई इन्सान कितना ही नेक क्यूं न हो, उस के