Book Name:Khud Kushi Kay Asbab
कर लेता है । ख़ुदकुशी क्यूं की जाती है ? इस के बुन्यादी अस्बाब क्या हैं ? और उन का इ़लाज कैसे हो सकता है ? आइए ! ख़ुदकुशी के 4 बुन्यादी अस्बाब और उन के इ़लाज से मुतअ़ल्लिक़ सुनती हैं ।
पेहली वज्ह दीन से दूरी
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ हम सब मुसलमान हैं, हमारा दीन यानी दीने इस्लाम सब से बेहतर दीन है । हमारा दीन दुन्या और आख़िरत के हर मुआ़मले में हमारी रेहनुमाई करता है । मुसलमानों में ख़ुदकुशी की बढ़ती हुई शरह़ के अस्बाब में से एक अहम और बुन्यादी वज्ह दीन, शरीअ़त और इस्लाम से दूरी है । बाज़ वारदातें बड़ा रिक़्क़त अंगेज़ मन्ज़र पेश करती हैं । आइए ! ख़ुदकुशी की ऐसी चन्द ख़बरें सुनती हैं ।
एक अख़्बार की ख़बर का ख़ुलासा है : मां ने बेटे को दुल्हा बनाया, बारात रुख़्सत की । बारातियों ने बहुत कहा : साथ चलो । मगर नहीं गईं और बाद में घर का तमाम ज़ेवर और रक़म वग़ैरा किसी के ह़वाले कर के मां ने नहर में छलांग लगा दी और दो दिन बाद लाश मिली । एक और अख़्बार की ख़बर है : एक बाप ने अपनी एक बेटी, दो बेटों और इन बच्चों की अम्मी को क़त्ल करने के बाद ख़ुदकुशी कर के अपनी ज़िन्दगी का ख़ातिमा कर दिया । एक अख़्बार की ख़बर है : बाप ने ग़ुस्से में त़मांचा मारा, तो 14 साला लड़के ने ख़ुद को बाथरूम में बन्द कर के आग लगा दी ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
ख़ुदकुशी की मज़म्मत
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! इन वाक़िआ़त पर जितना भी अफ़्सोस किया जाए, यक़ीनन वोह कम है । येह हमारे मुआ़शरे के चन्द वाक़िआ़त हैं, इस त़रह़ के हज़ारों वाक़िआ़त से अख़्बार भरे पड़े हैं । ख़ुदकुशी करने वाले शायद येह समझते थे कि येह अ़मल करने के बाद हमारी जान छूट जाएगी ! ह़ालांकि ख़ुदकुशी से जान छूटने के बजाए अल्लाह पाक की नाराज़ी की सूरत में निहायत बुरी त़रह़ फंस जाती है । वोह जो नफ़्स की शरारतों का शिकार हो कर रब्बे करीम की अ़त़ा कर्दा ज़िन्दगी जैसी नेमत से राहे फ़रार इख़्तियार करते हैं और अपने हाथों अपनी ज़िन्दगी का ख़ातिमा कर लेते हैं, मौत उन के लिए दर्दनाक अ़ज़ाब का ज़रीआ़ बन सकती है । ख़ुदकुशी के ज़रीए़ दुन्या की तक्लीफ़ से ब ज़ाहिर मुंह मोड़ने वाले आख़िरत की तक्लीफ़ में मुब्तला हो सकते हैं ।