Book Name:Apni Islah Ka Nuskha

(بخاری،۳/۵۳۱حدیث:۵۴۱۰ملخصاً) ٭ आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم का खाना अक्सर खजूर और पानी पर मुश्तमिल होता । (بخاری،۳/۵۲۳،حدیث: ۵۳۸۳مُلَخَّصاً) ٭ आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم दूध और खजूर एक साथ इस्तिमाल फ़रमाते और इन को दो उ़म्दा खाने क़रार देते । (مسند امام احمد، ۵ /۳۸۵،حدیث: ۱۵۸۹۳ملخصاً) ٭ सरकार صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم का पसन्दीदा खाना गोश्त था । (ترمذی،۵/۵۳۳،حدیث: ۱۷۸ملخصاً) ٭ आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم इरशाद फ़रमाते : गोश्त कानों की सुनने की त़ाक़त को बढ़ाता है और दुन्या व आख़िरत में खानों का सरदार है । अगर मैं अल्लाह करीम से सुवाल करता कि मुझे रोज़ाना गोश्त अ़त़ा करे, तो इ़नायत फ़रमाता । (اتحاف السادۃ،۸/۲۳۸ ملخصاً) ٭ सरकार صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم गोश्त और कद्दू से सरीद बना कर खाते (यानी गोश्त और कद्दू शरीफ़ के सालन में रोटी के टुक्ड़े अच्छी त़रह़ भिगो कर खा लेते) । (اتحاف السادۃ،۸ / ۲۳۹ ملخصاً) ٭ सरकार صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم जब गोश्त खाते, तो उस की त़रफ़ मुबारक सर को न झुकाते । (اتحاف السادۃ،۸ / ۲۳۹ ملخصاً) बल्कि उस को अपने मुंह मुबारक की त़रफ़ उठाते और फिर मुबारक दांतों से काटते । (ترمذی،۳ / ۳۲۹ ،حدیث: ۱۸۴۲ملخصاً) ٭ सरकार صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم को बकरी (और बकरे) के गोश्त में बाज़ू और कन्धा पसन्द था । (ترمذی،۳/۳۳۰، حدیث۱۸۴۲،۱۸۴۴ملخصاً) ٭ सरकार صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم गुर्दे (खाना) ना पसन्द फ़रमाते थे क्यूंकि वोह पेशाब के क़रीब होते हैं । (کنزالعمال،۷ /۴۱ ،حدیث: ۱۸۲۱۲ ملخصاً) ٭ सरकार صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم को तिल्ली (खाने से) नफ़रत थी मगर इस को ह़राम क़रार नहीं दिया । (اتحاف السادۃ،۸ / ۲۴۳ ملخصاً) ٭ सरकार صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم अपनी मुबारक उंगलियों से रिकाबी (यानी प्लेट) चाटते और फ़रमाते : खाने के आख़िर में बरकत ज़ियादा होती है । (شُعُب الایمان،۵ /۸۱ ،حدیث: ۵۸۵۴) ٭ सरकार صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم को ताज़ा फलों में ख़रबूज़ा और अंगूर ज़ियादा पसन्द थे । (کنزالعمال،۷ / ۴۱ ،حدیث: ۱۸۲۰۰ مُلَخَّصاً) ٭ ख़रबूज़ा, रोटी और शकर के साथ खाते थे । (اتحاف السادۃ،۸ / ۲۳۶ملخصاً) ٭ बाज़ अवक़ात तर खजूर के साथ (ख़रबूज़ा) खाते । (ترمذی،۳/۳۳۲،حدیث: ۱۸۵۰ مُلَخَّصاً) ٭ दोनों हाथों से मदद लेते । एक बार तर खजूरें दाएं हाथ से खा रहे थे और गुठलियां उल्टे हाथ में रख रहे थे । एक बकरी गुज़री, आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم ने उस को गुठली के साथ इशारा फ़रमाया, वोह आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم के उल्टे हाथ से (गुठलियां) खाने लगी और आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم सीधे हाथ से खा रहे थे, ह़त्ता कि आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم फ़ारिग़ हुवे, तो वोह भी चली गई । (اتحاف السادۃ،۸ / ۲۳۷ ملخصاً) ٭ सरकार صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم कच्चा लहसन, कच्ची प्याज़ व गिन्दना (एक बदबूदार सब्ज़ी) नहीं खाते थे । (تاریخ بغداد،۲/۲۶۲ مُلَخَّصاً) ٭ आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم ने कभी किसी खाने को बुरा नहीं कहा, अगर अच्छा लगा, तो खा लिया और ना पसन्द हुवा, तो हाथ मुबारक रोक लिया । (مسلم،ص ۱۱۴۱،حدیث: ۲۰۶۴ملخصاً)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد