Book Name:Khuwaja Ghareeb Nawaz
1. फ़रमाया : जो बन्दा रात को वुज़ू कर के सोता है, तो फ़िरिश्ते गवाह रेहते हैं और सुब्ह़ अल्लाह पाक से अ़र्ज़ करते हैं : ऐ अल्लाह करीम ! इसे बख़्श दे, येह वुज़ू कर के सोया था । (हश्त बिहिश्त, स. 77, बि तग़य्युरिन)
2. फ़रमाया : नमाज़ एक राज़ की बात है जो बन्दा अपने रब्बे करीम से केहता है । चुनान्चे, ह़दीसे पाक में आया है : اِنَّ الْمُصَلِّىَ یُنَاجِیْ رَبَّه (کنزالعمال ،کتاب الصلٰوة،۴/۱۷۹،حدیث:۱۹۶۷۰،الجزء الثانی) नमाज़ पढ़ने वाला अपने रब्बे करीम से राज़ की बात केहता है । (हश्त बिहिश्त, स. 75, बि तग़य्युरिन)
3. फ़रमाया : जो शख़्स झूटी क़सम खाता है, वोह अपने घर को वीरान करता है और उस के घर से ख़ैरो बरकत उठ जाती है । (हश्त बिहिश्त, स. 84, बि तग़य्युरिन)
4. फ़रमाया : बदबख़्ती की अ़लामत येह है कि इन्सान गुनाह करने के बा वुजूद भी अल्लाह पाक की बारगाह में ख़ुद को मक़्बूल समझे ।
5. ख़ुदा का दोस्त वोह है जिस में येह तीन ख़ूबियां हों : (1) सख़ावत दरया जैसी (2) मेहरबानी सूरज की त़रह़ और (3) आ़जिज़ी ज़मीन की त़रह़ । (ख़ौफ़नाक जादूगर, स. 25)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
दावते इस्लामी के शोबाजात और फ़न्ड की ज़रूरत
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी का मदनी काम तेज़ी के साथ जारी है, मुल्क व बैरूने मुल्क सैंक्ड़ों जामिआ़तुल मदीना, हज़ारों मदारिसुल मदीना, मदनी मराकिज़ (फै़ज़ाने मदीना) और मसाजिद बन चुकी हैं बल्कि बनती जा रही हैं मगर अभी बहुत कुछ बाक़ी है । कमो बेश 108 शोबाजात में मदनी काम के साथ साथ दीगर कई मदनी कामों के लिए फ़न्ड की ज़रूरत रेहती है । आइए ! हम सब मिल जुल कर आ़शिक़ाने रसूल की मस्जिद भरो मदनी तह़रीक दावते इस्लामी का साथ दें, हम सब भी अपना माली तआ़वुन शामिल करें ।
मौजूदा दौर में दीनी कामों के लिए फ़न्ड जम्अ़ करना बहुत ज़रूरी है । रसूले अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने आ़लीशान है : आख़िरे ज़माना में दीन का काम भी दिरहमो दीनार से होगा । (معجم کبیر، ۲۰/۲۷۹،حدیث:۶۶۰) अल्लाह पाक के दिए हुवे माल में से हम उस की राह में ख़र्च करने की सआ़दत ह़ासिल करें, इस के साथ साथ दूसरों से भी फ़न्ड जम्अ़ करने के लिए भरपूर कोशिश करें । जिन जिन ज़राएअ़ से हम कोशिश कर सकते हैं, अभी से कोशिश तेज़ कर दें, मसलन चन्दा बक्स (ख़ुसूसी, उ़मूमी), घरेलू सदक़ा बक्स, नमाज़े जुम्आ़ के इजतिमाआ़त वग़ैरा । उ़मूमन रजब, शाबान और रमज़ानुल मुबारक में लोगों का सदक़ा व ख़ैरात करने का ज़ेहन ज़ियादा होता है । अल्लाह पाक आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक "दावते इस्लामी" को मज़ीद तरक़्क़ी व बरकतें नसीब फ़रमाए । اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد