Book Name:Khuwaja Ghareeb Nawaz

दूंगा ।٭  इजतिमाअ़ के बाद ख़ुद आगे बढ़ कर सलाम व मुसाफ़ह़ा और इनफ़िरादी कोशिश करूंगा ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! अल्लाह पाक ने औलियाए किराम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن को बड़ी शानों से नवाज़ा है । ٭ येही वोह अ़ज़ीम लोग हैं जिन से ज़माने की शानो शौकत क़ाइम है । ٭ जो बहुत ज़ियादा इ़बादत करने के बा वुजूद भी ख़ौफे़ ख़ुदा के सबब बहुत ज़ियादा रोते हैं । ٭ जिन के दिल हर वक़्त अल्लाह पाक की बारगाह में झुके रेहते हैं । ٭ जो लोगों के दिलों से शैत़ानी वस्वसों और त़रह़ त़रह़ की गन्दगियों को दूर करने का काम करते  हैं । ٭ जो किसी जंगल में भी बैठ जाएं, तो उसे हरे भरे बाग़ में तब्दील कर देते हैं । ٭ जिन के सबब सीधे रास्ते से भूले भटके लोग सीधे रास्ते पर आ जाते हैं । ٭ जिन्हों ने जहालत के अन्धेरों में इस्लाम के चराग़ रौशन किए । येही वज्ह है कि आज मुसलमान इन अल्लाह वालों को अ़क़ीदतो मह़ब्बत से याद करते दिखाई देते हैं । इन्ही नेक, सुथरे किरदार और बेहतरीन ख़ूबियां रखते वालों में से एक ह़ज़रते ख़्वाजा मुई़नुद्दीन सय्यिद ह़सन चिश्ती अजमेरी رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ भी हैं, आज हम इन्ही की सीरत व किरदार से मुतअ़ल्लिक़ सुनने की सआ़दत ह़ासिल करेंगे । आप رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ की मुबारक ज़िन्दगी, बेहतरीन किरदार और करामात भी सुनने की सआ़दत ह़ासिल करेंगे । यक़ीनन वोह बात जो अल्लाह पाक के वली के लबों से निकलती है, असर रखती है, लिहाज़ा इस बयान में हम ह़ज़रते ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ के इरशादात भी सुनेंगे । काश ! पूरा बयान अच्छी अच्छी निय्यतों के साथ मुकम्मल तवज्जोह के साथ सुनना नसीब हो जाए । اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ

मिट्टी के बरतन में तालाब

          ह़ुज़ूर ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ के चन्द मुरीद एक बार अजमेर शरीफ़ के मश्हूर तालाब "अना सागर" पर ग़ुस्ल करने गए, तो ग़ैर मुस्लिमों ने शोर मचा दिया कि येह मुसलमान हमारे तालाब को नापाक कर रहे हैं ।  चुनान्चे, वोह ह़ज़रात लौटे और सारा वाक़िआ़ ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ की ख़िदमत में अ़र्ज़ कर दिया । ह़ज़रते ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ ने एक ख़ादिम को पानी रखने का मिट्टी का बरतन देते हुवे इरशाद फ़रमाया : इस में तालाब का पानी भर लाओ । ख़ादिम ने जैसे ही पानी भरने के लिए मिट्टी के बरतन को तालाब में डाला, तो उस का सारा पानी उस में आ गया । लोग पानी न मिलने पर बेचैन हो गए और ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ की बारगाह में ह़ाज़िर हो कर मदद मांगने लगे । ह़ज़रते ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ ने ख़ादिम को ह़ुक्म दिया कि जाओ और पानी वापस तालाब में डाल दो । पानी डालते ही अना सागर फिर पानी से भर गया । (ख़ौफ़नाक जादूगर, स. 7)

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! बयान कर्दा वाक़िए़ से मालूम हुवा ! अल्लाह वाले, अल्लाह पाक की अ़त़ा से कई इख़्तियारात के मालिक होते हैं । ٭ वोह चाहें, तो अल्लाह पाक की दी हुई त़ाक़त से तालाब का पानी एक मिट्टी के बरतन मे जम्अ़ कर लें । ٭ मुर्दों को ज़िन्दा कर दें । ٭ कई