Book Name:Ikhtiyarat-e-Mustafa (12Shab)

कर ह़ज़रते सय्यिदुना आदम عَلٰی نَبِیِّنَا وَ عَلَیْہِ الصَّلٰوۃُ وَالسَّلَام की बारगाह में ह़ाज़िर होंगे और अ़र्ज़ करेंगे कि आप अपने रब्बे करीम की बारगाह में हमारी शफ़ाअ़त कीजिये । वोह फ़रमाएंगे : मैं इस के लिये नहीं ! लेकिन तुम ह़ज़रते इब्राहीम عَلَیْہِ السَّلَام का दामन पकड़ो क्यूंकि वोह अल्लाह पाक के ख़लील (या'नी सच्चे दोस्त) हैं । तो वोह ह़ज़रते सय्यिदुना इब्राहीम عَلَیْہِ السَّلَام के पास जाएंगे । वोह भी फ़रमाएंगे : मैं इस के लिये नहीं ! लेकिन तुम ह़ज़रते मूसा عَلَیْہِ السَّلَام  के पास जाओ क्यूंकि वोह अल्लाह पाक के कलीम हैं । तो वोह ह़ज़रते सय्यिदुना मूसा عَلَیْہِ السَّلَام के पास जाएंगे । वोह भी फ़रमाएंगे : मैं इस के लिये नहीं ! लेकिन तुम ह़ज़रते ई़सा عَلَیْہِ السَّلَام की बारगाह में जाओ कि वोह रूह़ुल्लाह और कलिमतुल्लाह हैं । तो लोग ह़ज़रते सय्यिदुना ई़सा عَلَیْہِ السَّلَام के पास जाएंगे । वोह भी फ़रमाएंगे : मैं इस के लिये नहीं हूं ! लेकिन तुम ह़ज़रते सय्यिदुना मुह़म्मदे मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ख़िदमत में चले जाओ । वोह मेरे पास आएंगे, तो मैं फ़रमाऊंगा कि मैं ही तो शफ़ाअ़त करने के लिये हूं । फिर मैं अपने रब्बे करीम से इजाज़त त़लब करूंगा, तो मुझे इजाज़त मिलेगी और अल्लाह पाक मेरे दिल में ऐसी ह़म्दें डालेगा कि जो अभी मेरे इ़ल्म में ह़ाज़िर नहीं । मैं उन ह़म्दों से ह़म्द करूंगा और रब्बे करीम की बारगाह में सजदे में गिर जाऊंगा । कहा जाएगा : يَا مُحَمَّدُ اِرْفَعْ رَاْسَكَ، وَقُلْ يُسْمَعْ لَكَ، وَسَلْ تُعْطَ، وَاشْفَعْ تُشَفَّعْ ऐ मुह़म्मद ! अपना सर उठाइये, कहिये, आप की सुनी जाएगी, मांगिये, अ़त़ा किया जाएगा, शफ़ाअ़त कीजिये, क़बूल की जाएगी । मैं अ़र्ज़ करूंगा : يَا رَبِّ،اُمَّتِيْ اُمَّتِيْ ऐ रब्बे करीम ! मेरी उम्मत, मेरी उम्मत । तो फ़रमाया जाएगा : जाइये ! और अपनी उम्मत में से हर उस शख़्स को (जहन्नम से) निकाल लीजिये जिस के दिल में जव के बराबर भी ईमान हो । मैं जाऊंगा और उन्हें निकाल लाऊंगा फिर वापस आऊंगा और उन्हीं ह़म्दों से रब्बे करीम की ह़म्द करूंगा फिर दोबारा रब्बे करीम की बारगाह में सजदे में गिर जाऊंगा । कहा जाएगा : يَا مُحَمَّدُ اِرْفَعْ رَاْسَكَ، وَقُلْ يُسْمَعْ لَكَ، وَسَلْ تُعْطَ، وَاشْفَعْ تُشَفَّعْ ऐ मुह़म्मद ! अपना सर उठाइये, कहिये, आप की सुनी