Book Name:Mojiza-e-Mairaj
1. इरशाद फ़रमाया : जिस ने रमज़ानुल मुबारक में (दस दिन का) एतिकाफ़ कर लिया, वोह ऐसा है जैसे दो ह़ज और दो उ़मरे किए । (شعب الایمان ، ۳ / ۴۲۵ ، حدیث : ۶۶ ۲۹)
2. इरशाद फ़रमाया : एतिकाफ़ करने वाला गुनाहों से बचा रेहता है और उस के लिए तमाम नेकियां लिखी जाती हैं, जैसे उन के करने वाले के लिए होती हैं । (ابنِ ماجہ ، ۲ / ۳۶۵ ، حدیث : ۱۷۸۱)
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी के तह़्त दुन्या के मुख़्तलिफ़ मुमालिक और शहरों में पूरे माहे रमज़ान और आख़िरी दस दिनों का इजतिमाई़ एतिकाफ़ होता है, इस एतिकाफ़ में दावते इस्लामी की मर्कज़ी मजलिसे शूरा की त़रफ़ से दिए गए शिडयूल के मुत़ाबिक़ एतिकाफ़ करने वाले आ़शिक़ाने रमज़ान की तरबियत की कोशिश की जाती है । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इजतिमाई़ एतिकाफ़ में हज़ारों आ़शिक़ाने रसूल दीगर इ़बादात के साथ साथ इ़ल्मे दीन ह़ासिल करते और सुन्नतों की तरबियत पाते हैं । आप भी इस एतिकाफ़ की सआ़दत ह़ासिल कीजिए, बिल ख़ुसूस ज़िम्मेदाराने दावते इस्लामी इस एतिकाफ़ की ज़रूर सआ़दत पाएं । अल्लाह पाक हमें रमज़ान करीम की ख़ूब ख़ूब बरकतें पाने की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमाए । اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِّ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ आ़शिक़ाने रसूल की मस्जिद भरो मदनी तह़रीक दावते इस्लामी की दुन्या भर में धूम धाम है, दावते इस्लामी ख़िदमते दीन के 108 से ज़ाइद शोबाजात में मदनी काम कर रही है । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ जामिअ़तुल मदीना (लिल बनीन) के ज़रीए़ अब तक हज़ारों उ़लमाए किराम तय्यार हो चुके और अपनी ख़िदमात को मुख़्तलिफ़ शोबाजात में पेश कर के दीने इस्लाम की सर बुलन्दी में अपना ह़िस्सा शामिल किए हुवे हैं । इसी त़रह़ मद्रसतुल मदीना (लिल बनीन व लिल बनात) से भी हज़ारों बच्चे और बच्चियां नाज़िरा क़ुरआन पढ़ने और ह़िफ़्ज़े क़ुरआन की सआ़दत पा चुके हैं । सिर्फ़ जामिअ़तुल मदीना (लिल बनीन व लिल बनात), मद्रसतुल मदीना (लिल बनीन व लिल बनात) और मदनी चेनल के सालाना अख़राजात करोड़ों नहीं, अरबों रुपये हैं । लिहाज़ा हम ख़ुद भी दावते इस्लामी को ज़कात व सदक़ात दें, इस के साथ साथ अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों पर भी इनफ़िरादी कोशिश कर के उन्हें भी राहे ख़ुदा में ख़र्च करने के फ़ज़ाइल बता कर उन से भी चन्दा जम्अ़ करें ।
सदके़ के 25 फ़ाएदे
आला ह़ज़रत, इमामे अहले सुन्नत, मौलाना शाह अह़मद रज़ा ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہِ عَلَیْہ "फ़तावा रज़विय्या" जिल्द 23, सफ़ह़ा नम्बर 152 पर फ़ज़ाइले सदक़ात की अह़ादीस ज़िक्र फ़रमा कर उन फ़ज़ाइल का 25 निकात में इस त़रह़ ख़ुलासा बयान फ़रमाते हैं । इन ह़दीसों से साबित हुवा : जो मुसलमान इस अ़मल में नेक निय्यत (और) पाक माल से शरीक होंगे, उन्हें करमे इलाही व इनआ़मे ह़ज़रते रिसालत पनाही तआ़ला रब्बुहू व तकर्रम व صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم (यानी अल्लाह पाक के करम