Book Name:Aaqa Ka Safar e Meraj (Shab-e-Mairaj-1440)
जामिअ़तुल मदीना (लिल बनीन) के ज़रीए़ अब तक हज़ारों उ़लमाए किराम तय्यार हुवे और अपनी ख़िदमात को मुख़्तलिफ़ शो'बाजात में पेश कर के दीने इस्लाम की सर बुलन्दी में अपना ह़िस्सा शामिल किये हुवे हैं ।
आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के तह़्त मुल्क व बैरूने मुल्क इस्लामी भाइयों और इस्लामी बहनों को फ़ी सबीलिल्लाह दुरुस्त मख़ारिज के साथ तिलावते क़ुरआने करीम सिखाने के लिये मद्रसतुल मदीना बालिग़ान और मद्रसतुल मदीना बालिग़ात जब कि मदनी मुन्नों और मदनी मुन्नियों को ह़िफ़्ज़ो नाज़िरा की ता'लीम देने के लिये मद्रसतुल मदीना लिल बनीन और मद्रसतुल मदीना लिल बनात क़ाइम हैं । जिन मक़ामात पर क़ुरआने करीम पढ़ाने वाले आसानी से दस्तयाब नहीं होते, वहां मद्रसतुल मदीना ऑन लाइन का भी सिलसिला है । कई मदारिसुल मदीना में मदनी मुन्नों को रिहाइश व त़आ़म की सहूलत भी दस्तयाब है । ग़ैर रिहाइशी मदारिसुल मदीना में 8 घन्टे टाइमिंग है जब कि 1 और 2 घन्टे के जुज़ वक़्ती (Part Time) मदारिसुल मदीना भी अपनी मदनी बहारें लुटा रहे हैं ।
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! इस वक़्त मुल्क व बैरूने मुल्क कमो बेश 2734 मदारिसुल मदीना क़ाइम हैं, जिन में तक़रीबन 128737 मदनी मुन्ने और मदनी मुन्नियां ता'लीम ह़ासिल करने में मश्ग़ूल हैं जब कि असातिज़ा समेत कुल मदनी अ़मले (या'नी स्टाफ़) की ता'दाद तक़रीबन 7268 है । अब तक कमो बेश 74329 मदनी मुन्ने और मदनी मुन्नियां ह़िफ़्ज़े क़ुरआन जब कि तक़रीबन 215882 नाज़िरा क़ुरआने पाक पढ़ने की सआ़दत पा चुके हैं । मद्रसतुल मदीना ऑन लाइन में दुन्या भर से तक़रीबन 7 हज़ार त़लबा व त़ालिबात पढ़ रहे हैं, इन को पढ़ाने वालों की ता'दाद तक़रीबन 633 जब कि मदनी अ़मले वग़ैरा की ता'दाद तक़रीबन 140 है । मुल्क व बैरूने मुल्क तक़रीबन 22768 मद्रसतुल मदीना बालिग़ान और इन में पढ़ने वाले तक़रीबन 140000 जब कि 3307 मद्रसतुल मदीना बालिग़ात में पढ़ने वालियों की ता'दाद 38000 से ज़ाइद है ।
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! मुल्क व बैरूने मुल्क (11 मुमालिक : मुल्के अमीरे अहले सुन्नत, हिन्द, बंगलादेश, नेपाल, सीलंका, केन्या, मोरीशस, मोज़म्बीक़, साउथ अफ़रीक़ा, UK, USA में) जामिअ़तुल मदीना की 526 शाख़ें क़ाइम हैं, जिन में 42770 से ज़ाइद त़लबा व त़ालिबात दर्से निज़ामी (या'नी आ़लिम कोर्स) की ता'लीम ह़ासिल कर रहे हैं जब कि 6871 त़लबा व त़ालिबात दर्से निज़ामी मुकम्मल कर चुके हैं । आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी कामों के लिये ज़कात व सदक़ात और मदनी अ़त़िय्यात देने के साथ साथ अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों पर इनफ़िरादी कोशिश कर के उन्हें भी राहे ख़ुदा में ख़र्च करने के फ़ज़ाइल बता कर उन से भी मदनी अ़त़िय्यात जम्अ़ कीजिये ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! मे'राज की रात नबिय्ये पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने जहां जन्नत में फ़रमां बरदार बन्दों पर होने वाले इनआ़माते इलाहिय्या को देखा, वहीं ना