Book Name:Mot ke Holnakian Shab-e-Bra'at

)6(...मस्जिद रौशन करने की बरकत

ह़ज़रते सय्यिदुना उ़मर رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ ने मरफ़ूअ़न रिवायत की, कि जिस ने अल्लाह पाक की मसाजिद को रौशन किया, अल्लाह पाक उस की क़ब्र को रौशन फ़रमाएगा और जिस ने उस में ख़ुश्बूएं रखीं, तो अल्लाह पाक जन्नत में उस के लिये ख़ुश्बू मुहय्या करेगा । (शर्हु़स्सुदूर, स. 159)

)7(...मरीज़ की इ़यादत

        ह़ज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से रिवायत है कि ह़ुज़ूरे पाक, साह़िबे लौलाक, सय्याहे़ अफ़्लाक صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : ह़ज़रते सय्यिदुना मूसा عَلٰی نَبِیِّناوَعَلَیْہِ الصَّلٰوۃُ وَالسَّلام ने अल्लाह पाक से अ़र्ज़ की, कि मरीज़ की इ़यादत करने वाले को क्या अज्र मिलेगा ? तो अल्लाह पाक ने इरशाद फ़रमाया : उस के लिये दो फ़िरिश्ते मुक़र्रर किये जाएंगे जो क़ियामत तक उस की क़ब्र में रोज़ाना उस की इ़यादत करेंगे । (शर्हु़स्सुदूर, स. 159)

)8(...सूरए मुल्क पढ़ने का इन्आम

        ह़ज़रते सय्यिदुना अ़ब्दुल्लाह बिन मस्ऊ़द رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से रिवायत है कि जब बन्दा क़ब्र में जाएगा, तो अ़ज़ाब उस के क़दमों की जानिब से आएगा, तो उस के क़दम कहेंगे : तेरे लिये मेरी त़रफ़ से कोई रास्ता नहीं क्यूंकि येह रात में सूरए मुल्क पढ़ा करता था । फिर अ़ज़ाब उस के सीने या पेट की त़रफ़ से आएगा, तो वोह कहेगा कि तुम्हारे लिये मेरी जानिब से कोई रास्ता नहीं क्यूंकि येह रात में सूरए मुल्क पढ़ा करता था । फिर वोह उस के सर की त़रफ़ से आएगा, तो सर कहेगा कि तुम्हारे लिये मेरी त़रफ़ से कोई रास्ता नहीं क्यूंकि येह रात में सूरए मुल्क पढ़ा करता था । तो येह सूरत रोकने वाली है, अ़ज़ाबे क़ब्र से रोकती है, तौरात में इस का नाम सूरए मुल्क है । जो इसे रात में पढ़ता है, बहुत ज़ियादा और अच्छा अ़मल करता है ।

(المستدرک ،کتاب التفسیر ، باب المانعۃ من عذاب القبر ، الحدیث ۳۸۹۲، ج۳ ،ص ۳۲۲)