Book Name:Mot ke Holnakian Shab-e-Bra'at
ह़िफ़्ज़ करने की कोशिश में मरने वाला येह सआदत पाएगा कि फ़िरिश्ता उसे क़ब्र में क़ुरआन ह़िफ़्ज़ करवाएगा, प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की सुन्नतों पर अ़मल करना क़ब्र में रौशनी व उन्सिय्यत का सबब बनेगा, नमाज़े तहज्जुद क़ब्र में रौशनी करेगी, नेकी की दा'वत देना क़ब्र की वह़शत दूर कर के रौशनी का बाइ़स होगा, सदक़ा क़ब्र की गर्मी को दूर करेगा, इ़ल्मे दीन क़ब्र में उन्सिय्यत देगा और ज़मीन के कीड़ों को दूर करेगा, औलाद को इ़ल्मे दीन सिखाने की बरकत से अ़ज़ाबे क़ब्र दूर होगा, मुसलमान के दिल में ख़ुशी दाख़िल करने के सबब क़ब्र की वह़शत में उन्सिय्यत होगी और नकीरैन के सुवालात के जवाबात में साबित क़दमी अ़त़ा होगी ।
जवाबे क़ब्र मैं मुन्कर नकीर को दूंगा
तेरे करम से अगर ह़ौसला मिला या रब !
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! नेक आ'माल क़ब्र में कुशादगी, रौशनी, ख़ुश्बू और रिज़ाए इलाही का सबब बनेंगे और अगर बुरे आ'माल ले कर क़ब्र में पहुंचे, तो अल्लाह तआला की नाराज़ी की सूरत में क़ब्र जहन्नम का गढ़ा भी बन सकती है, अ़ज़ाब का सिलसिला भी हो सकता है ।
याद रखिये ! पेशाब के छींटों से न बचना, चुग़ल ख़ोरी करना अ़ज़ाबे क़ब्र के अस्बाब में से है, ग़ीबत करना, नमाज़ की अदाएगी में ग़फ़्लत बरतना अ़ज़ाबे क़ब्र के अस्बाब में से है, वालिदैन के ना फ़रमान को क़ब्र इस त़रह़ दबाएगी कि पस्लियां टूट फूट कर एक दूसरे में पैवस्त हो जाएंगी, ज़कात न देने का गुनाह भी अ़ज़ाबे क़ब्र का सबब है, शराब नोशी, बदकारी, झूटी क़समें खाना और रोज़ा न रखना येह भी अ़ज़ाबे क़ब्र के अस्बाब में से हैं, मिलावट करना अ़ज़ाबे क़ब्र के अस्बाब में से है, ग़ुस्ले जनाबत में इस क़दर ताख़ीर करना कि नमाज़ का वक़्त निकल जाए येह भी अ़ज़ाबे क़ब्र के अस्बाब में से है, सूद ख़ोरी