Book Name:Mot ke Holnakian Shab-e-Bra'at

        اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ  وَجَلَّ इ़ल्मे दीन सिखाने का एक ज़रीआ दा'वते इस्लामी के मदारिसुल मदीना और जामिआतुल मदीना भी हैं, जहां पर हज़ारहा त़लबा व त़ालिबात अलग अलग इ़ल्मे दीन ह़ासिल करते हैं ।

मेरी आने वाली नस्लें तेरे इ़श्क़ ही में मचलें

उन्हें  नेक  तुम  बनाना  मदनी  मदीने  वाले

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!        صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

मुसलमान के दिल में ख़ुशी दाख़िल करने का सवाब

      नबिय्ये रह़मत, शफ़ीए़ उम्मत, क़ासिमे ने'मत صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : जो शख़्स किसी मोमिन के दिल में ख़ुशी दाख़िल करता है, अल्लाह पाक उस ख़ुशी से एक फ़िरिश्ता पैदा फ़रमाता है, जो अल्लाह पाक की इ़बादत और ज़िक्र में मसरूफ़ रहता है, जब वोह बन्दा अपनी क़ब्र में चला जाता है, तो वोह फ़िरिश्ता उस के पास आ कर पूछता है : क्या तू मुझे नहीं पहचानता ? वोह कहता है कि तू कौन है ? तो वोह फ़िरिश्ता कहता है कि मैं वोह ख़ुशी हूं जिसे तू ने फु़लां के दिल में दाख़िल किया था, आज मैं तेरी वह़शत में तुझे उन्स पहुंचाऊंगा और सुवालात के जवाबात में साबित क़दम रखूंगा और तुझे रोज़े क़ियामत के मनाज़िर दिखाऊंगा और तेरे लिये तेरे रब्बे करीम की बारगाह में सिफ़ारिश करूंगा और तुझे जन्नत में तेरा ठिकाना दिखाऊंगा ।

  (التر غیب والترھیب ، کتاب البر والصلۃ ،باب التر غیب فی قضاء حوائج المسلین ، الحدیث ۲۳ ، ج ۳ ، ص ۲۶۶)

          मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! मरने के बा'द क़ब्र की तन्हाइयों, वह़शतों, घबराहटों, अन्धेरों में काम आने वाले आ'माल के बारे में आप ने सुना । नमाज़, रोज़ा, ह़ज, ज़कात क़ब्र में काम आएंगे, अ़ज़ाब से बचाएंगे, रमज़ान व क़ुरआन क़ब्र व क़ियामत का अन्धेरा दूर करेंगे, तिलावत व रोज़े क़ब्र में ख़ुश्बू का बाइ़स बनेंगे, मस्जिद को रौशन करना क़ब्र की रौशनी का सबब बनेगा, मरीज़ की इ़यादत करने वाले मुसलमान के लिये दो फ़िरिश्ते रोज़ाना क़ब्र में उस की इ़यादत करेंगे, सूरए मुल्क की तिलावत अ़ज़ाबे क़ब्र से बचाएगी, क़ुरआने पाक