Book Name:Mot ke Holnakian Shab-e-Bra'at
मदीना कर के मदनी इन्आमात का रिसाला रोज़ाना पुर करने की तरग़ीब दिलाने वालों और सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ की दा'वत पेश करने वालों नीज़
मुबल्लिग़ीन की नेकी की दा'वत को सुनने वालों की क़ुबूर भी اِنْ شَآءَ اللہ عَزَّ وَجَلَّ ह़ुज़ूर मुफ़ीज़ुन्नूर صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के नूर के सदक़े "नूरुन अ़ला नूर" होंगी ।
अ़त़ा हो नेकी की दा'वत का ख़ूब जज़्बा कि
दूं धूम सुन्नते मह़बूब की मचा या रब !
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
)14(...दुन्या में मुसीबत उठाना
किसी बुज़ुर्ग رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ ने ह़ज़रते सय्यिदुना ह़सन बिन ज़क्वान عَلَیْہِ رَحمَۃُ اللّٰہ ِالرَّحْمٰن को उन की वफ़ात के एक साल बा'द ख़्वाब में देखा, तो इस्तिफ़्सार किया : कौन सी क़ब्रें ज़ियादा रौशन हैं ? फ़रमाया : दुन्या में मुसीबतें उठाने वालों की । (تنبیہ المغترین،الباب الثالث، ص۱۶۶)
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! देखा आप ने ! वोह घुप अन्धेरी क़ब्र जिसे दुन्या का कोई बर्क़ी बल्ब रौशन नहीं कर सकता, اِنْ شَآءَ اللہ عَزَّ وَجَلَّ वोह मीठे मीठे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के नूर के सदके़ परेशान ह़ालों के लिये नूर नूर हो कर जगमगा उठेगी ।
ख़्वाब में भी ऐसा अन्धेरा कभी देखा न था
जैसा अन्धेरा हमारी क़ब्र में सरकार है
या रसूलल्लाह ! आ कर क़ब्र रौशन कीजिये
ज़ात बेशक आप की तो मम्बए़ अन्वार है
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
)15(...लोगों को तक्लीफ़ न पहुंचाने का इन्आम
ह़ज़रते सय्यिदुना अबू काहिल رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से मरवी है कि जो लोगों को तक्लीफ़ पहुंचाने से बाज़ रहा, अल्लाह पाक उसे क़ब्र की तक्लीफ़ से बचाएगा । (المعجم الکبیر،الحدیث۸۲۹، ج۸۱، ص۱۶۳)