Book Name:Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441
मुबारक दांतों की चमक से रौशनी हो जाती थी । (الشمائل المحمدیۃ ، باب ماجاء فی خلق رسول اللہ،حدیث:۷،۱۴،ص ۲۲،۲۱ ملخصاً)
﴾2﴿...मुस्त़फ़ा ﷺ आप के जैसा कोई आया ही नहीं
ह़ज़रते जाबिर बिन समुरह رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ फ़रमाते हैं : एक मरतबा मैं ने रसूले पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को चांदनी रात में सुर्ख़ (धारीदार) लिबास पेहने हुवे देखा । मैं कभी चांद की त़रफ़ देखता और कभी आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के चेहरए अन्वर को देखता, तो मुझे आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का चेहरा चांद से भी ज़ियादा ख़ूबसूरत नज़र आता था । (ترمذی،کتاب الأدب،باب ماجاء فی الرخصۃ فی لبس۔۔۔الخ،۴/۳۷۰، حدیث: ۲۸۲۰)
ह़कीमुल उम्मत, ह़ज़रते मुफ़्ती अह़मद यार ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ ने इस ह़दीसे पाक की शर्ह़ में जो कुछ लिखा है उस में से चन्द निकात सुनते हैं : ٭ सह़ाबए किराम عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان की निगाहें ह़क़ीक़ते बैन (यानी ह़क़ीक़त देखने वाली) निगाहें थीं । ٭ कई वुजूहात की बिना पर नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का चेहरा चांद से भी ज़ियादा ह़सीन (ख़ूबसूरत) है । ٭ चांद सिर्फ़ रात में चमकता है, चेहरए मुस्त़फ़ा दिन रात चमकता है । ٭ चांद सिर्फ़ तीन रात चमकता है, चेहरए मुस्त़फ़ा हमेशा, हर दिन और हर रात चमकता है । ٭ चांद जिस्मों पर चमकता है, चेहरए मुस्त़फ़ा जिस्मों के साथ दिलों पर भी चमकता है । ٭ चांद सिर्फ़ अब्दान (जिस्मों) को नूर देता है जब कि चेहरए मुस्त़फ़ा ईमान को नूर देता है । ٭ चांद घटता है फिर बढ़ता है जब कि चेहरए मुस्त़फ़ा घटने से मह़फ़ूज़ है । ٭ चांद को गिरहन लगता है जब कि चेहरए मुस्त़फ़ा कभी न गहे । ٭ चांद से आ़लमे अज्साम का निज़ाम क़ाइम है जब कि ह़ुज़ूरे पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से आ़लमे ईमान का निज़ाम क़ाइम है । (मिरआतुल मनाजीह़, 8 / 60)