Book Name:Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441

आइए ! रसूले करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के नूर बांटने के 5 वाक़िआ़त सुनते हैं चुनान्चे,

1﴿...दस्ते मुस्त़फ़ा का कमाल

          ह़ज़रते असीद बिन अबी उनास رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ फ़रमाते हैं : आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने एक बार मेरे चेहरे और सीने पर अपना दस्ते पुर अन्वार फेर दिया, इस की बरकत येह ज़ाहिर हुई कि जब भी मैं किसी अन्धेरे (Dark) घर में दाख़िल होता, तो वोह घर रौशन हो जाता था (خَصائِص کُبْری،۲/۱۴۲وتاریخ دمشق، ۲۰/۲۱)

2﴿...छड़ी रौशन हो गई

          ह़ज़रते अनस رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ बयान फ़रमाते हैं : दो सह़ाबी ह़ज़रते उसैद बिन ह़ुज़ैर और अ़ब्बाद बिन बिश्र رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھُمَا अन्धेरी रात में बहुत देर तक ह़ुज़ूरे पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से बात करते रहे, जब येह दोनों बारगाहे रिसालत से अपने घरों के लिए रवाना हुवे, तो एक की छड़ी (Stick) ख़ुद बख़ुद रौशन हो गई और वोह दोनों उसी छड़ी की रौशनी में चलते रहे, जब कुछ दूर चल कर दोनों के घरों का रास्ता अलग अलग हो गया, तो दूसरे की छड़ी भी रौशन हो गई और दोनों अपनी अपनी छड़ियों की रौशनी के सहारे सख़्त अन्धेरी रात में अपने अपने घरों तक पहुंच गए (مشکاۃ المصابیح،کتاب الفضائل والشمائل،باب الکرامات،حدیث:۵۹۴۴،۲/۳۹۹)

3﴿...दरख़्त की शाख़ रौशन हो गई

          ह़ज़रते अबू सई़द ख़ुदरी رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ से रिवायत है : एक मरतबा ह़ज़रते क़तादा बिन नोमान رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने ह़ुज़ूरे अन्वर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के साथ इ़शा की नमाज़ पढ़ी, रात सख़्त अन्धेरी थी और आसमान पर घटा छाई हुई थी । रवानगी के वक़्त नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अपने दस्ते मुबारक