Book Name:Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441
आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की नूरानिय्यत से मुतअ़ल्लिक़ आयाते करीमा
याद रहे ! क़ुरआने पाक में भी आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को नूर फ़रमाया गया है । चुनान्चे, अल्लाह करीम पारह 6, सूरतुल माइदा की आयत नम्बर 15 में इरशाद फ़रमाता है :
قَدْ جَآءَكُمْ مِّنَ اللّٰهِ نُوْرٌ وَّ كِتٰبٌ مُّبِیْنٌۙ(۱۵) (پ ۶، المآئدہ: ۱۵)
तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : बेशक तुम्हारे पास अल्लाह की त़रफ़ से एक नूर आ गया और एक रौशन किताब ।
तफ़्सीरे ख़ज़ाइनुल इ़रफ़ान में है : (इस आयत में) सय्यिदे आ़लम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को नूर फ़रमाया गया क्यूंकि आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ (के वसीले) से तारीकिए कुफ़्र (कुफ़्र की सियाही) दूर हुई और राहे ह़क़ वाज़ेह़ हुई । (तफ़्सीरे ख़ज़ाइनुल इ़रफ़ान, पा. 6, अल माइदा : 15, स. 213)
इस आयते करीमा के तह़्त ह़ज़रते सय्यिदुना इमाम अबू जाफ़र मुह़म्मद बिन जरीर त़बरी, इमाम अबू मुह़म्मद ह़ुसैन बग़वी, इमाम फ़ख़रुद्दीन राज़ी, इमाम नासिरुद्दीन अ़ब्दुल्लाह बिन उ़मर बैज़ावी, अ़ल्लामा अबुल बरकात अ़ब्दुल्लाह नसफ़ी, अ़ल्लामा अबुल ह़सन अ़ली बिन मुह़म्मद ख़ाज़िन, इमाम जलालुद्दीन सुयूत़ी शाफे़ई़ رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن समेत बहुत से मुफ़स्सिरीन رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن ने फ़रमाया : आयते करीमा में मौजूद लफ़्ज़ "नूर" से मुराद नबिय्ये पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ज़ाते मुक़द्दसा है । (माहनामा फै़ज़ाने मदीना दिसम्बर 2017, स. 8, मुलख़्ख़सन)
जब कि पारह 22, सूरतुल अह़ज़ाब, आयत 45 और 46 में अल्लाह पाक इरशाद फ़रमाता है :