Book Name:Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441
(Dry) हो जाना, ह़ुज़ूरे पुरनूर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की वालिदा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا के बदने मुबारक से एक ऐसे नूर का निकलना जिस से "बसरा" के मह़ल्लात रौशन हो गए । येह सब वाक़िआ़त उसी सिलसिले की कड़ियां हैं जो ह़ुज़ूरे अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के पैदा होने से पेहले ही आ़लमे काइनात को ख़ुश ख़बरी देने लगे । (مواھب لدنية وشرح الزرقانی،ولادتہ...الخ، ۱/۱۶۷ ،۲۲۱،۲۲۸،۲۲۷)
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! यक़ीनन हमारे नूरी आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ बे मिस्लो बे मिसाल हैं, जिस का अन्दाज़ा आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की विलादत से भी लगाया जा सकता है कि आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की विलादते अक़्दस ऐसी पाकीज़ा, मुक़द्दस और कमाल वाली हुई कि जिस की कोई मिसाल न कभी पेश की गई है और न कभी पेश की जा सकेगी । अल्लाह पाक ने अपने प्यारे ह़बीब صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को ऐसा बे मिस्लो बे मिसाल बनाया है कि आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की मुबारक ज़िन्दगी का हर पेहलू भी बे मिस्लो बे मिसाल है, ह़त्ता कि आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की पैदाइश भी ऐसी है कि न किसी की ऐसी पैदाइश हुई है, न होगी । जब आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की पैदाइश हुई, तो गोया हर त़रफ़ नूर की बरसात होने लगी, गोया सारी काइनात जगमगा उठी और हर त़रफ़ नूर ही नूर हो गया । आइए ! इस त़रह़ के चन्द वाक़िआ़त सुनते हैं ।
ज़माना रौशन हो गया
ह़ज़रते सय्यिदुना उ़स्मान बिन अबिल आ़स رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ फ़रमाते हैं, मेरी वालिदा ने बताया : मैं उस रात ह़ज़रते आमिना رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا के पास थी जिस रात रसूले करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की पैदाइश हुई । मैं घर में हर त़रफ़ रौशनी और नूर पाती और मह़सूस करती जैसे सितारे क़रीब से क़रीब तर हो रहे हैं, यहां तक कि मुझे ऐसा लगा जैसे येह सितारे मेरे ऊपर टूट पड़ेंगे फिर