Book Name:Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441
से उन्हें दरख़्त की एक शाख़ अ़त़ा फ़रमाई और इरशाद फ़रमाया : तुम बिग़ैर किसी ख़ौफ़ के अपने घर जाओ ! येह शाख़ तुम्हारे हाथ में ऐसी रौशन हो जाएगी कि 10 आदमी तुम्हारे आगे और 10 आदमी तुम्हारे पीछे इस की रौशनी में चल सकें, जब तुम घर पहुंचोगे, तो एक काली चीज़ को देखोगे, उस को मार कर घर से निकाल देना । चुनान्चे, ऐसा ही हुवा कि जैसे ही ह़ज़रते सय्यिदुना क़तादा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ काशानए नुबुव्वत से निकले, वोह शाख़ रौशन हो गई और वोह उसी की रौशनी में चल कर अपने घर पहुंच गए, देखा कि वहां एक काली चीज़ मौजूद है, लिहाज़ा आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने फ़रमाने नुबुव्वत के मुत़ाबिक़ उस को मार कर घर से बाहर निकाल दिया । (مسند امام احمد،مسندابی سعید الخدری، حدیث:۱۱۶۲۴،۴/۱۳۱)
﴾4﴿...दस्ते मुबारक की बरकत
ह़ज़रते आ़इज़ बिन सई़द जस्री رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ, रसूले पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ख़िदमत में ह़ाज़िर हुवे और अ़र्ज़ की : या रसूलल्लाह صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ! आप मेरे चेहरे पर अपना मुबारक हाथ फेर दीजिए और बरकत की दुआ़ फ़रमाइए । ह़ुज़ूरे अन्वर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने ऐसा ही किया (यानी उन के चेहरे पर हाथ फेरा और बरकत की दुआ़ फ़रमा दी) उसी वक़्त से ह़ज़रते आ़इज़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ का चेहरा तरो ताज़ा और नूरानी रहा करता था । (सीरते रसूले अ़रबी, स. 265, الاصابہ فی تمییز الصحابہ،عائذ بن سعید ،۳/۴۹۳،رقم ۴۴۶۲)
﴾5﴿...चेहरा चमकता था
ह़ज़रते अबू सिनान अ़ब्दी सबाह़ी رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के चेहरे पर नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अपना दस्ते मुबारक फेरा, उन की उ़म्र 90 साल हो चुकी थी मगर उन का चेहरा बिजली की त़रह़ चमकता था । (الاصابہ فی تمییز الصحابہ،ابو سنان العبدی ثم الصباحی ،۷/۱۶۴،رقم۱۰۰۶۶)
सरकार की आमद...मरह़बा सरदार की आमद...मरह़बा