Book Name:Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441
واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) पर क़ुरबान ! मुझे बताइए कि सब से पेहले अल्लाह पाक ने क्या चीज़ बनाई ? फ़रमाया : ऐ जाबिर (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ) ! बेशक यक़ीनन अल्लाह पाक ने तमाम मख़्लूक़ात से पेहले तेरे नबी صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का नूर अपने नूर से पैदा फ़रमाया । (फ़तावा रज़विय्या, 30 / 658, الجزءُ المفقُود مِن الجزء الاوّل مِنَ المُصَنَّف لِعبدالرّزّاق،ص ۶۳،حدیث:۱۸)
मक्तबतुल मदीना की किताब "ह़िकायतें और नसीह़तें" सफ़ह़ा 468 पर लिखा है, ह़ज़रते काबुल अह़बार رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ से मरवी है : जब अल्लाह पाक ने मौजूदात को पैदा फ़रमाने का इरादा किया, ज़मीन को बिछाया और आसमानों को बुलन्द फ़रमाया, तो अपने फै़ज़े ज़ात से मुठ्ठी भर ले कर उस से इरशाद फ़रमाया : ऐ नूर ! मुह़म्मद (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) बन जा ! उस नूर ने एक नूरी सुतून की सूरत इख़्तियार कर ली, वोह इस क़दर रौशन हुवा कि अ़ज़मत के पर्दे तक जा पहुंचा, रब्बे करीम को सजदा किया और कहा : सब ख़ूबियां अल्लाह पाक के लिए हैं । तो अल्लाह पाक ने इरशाद फ़रमाया : मैं ने तुझे इसी लिए पैदा फ़रमाया और तेरा नाम मुह़म्मद (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) रखा है, तुझी से अपनी मख़्लूक़ की इब्तिदा करूंगा और तुझी पर अपनी रिसालत का सिलसिला ख़त्म करूंगा । फिर अल्लाह पाक ने उस नूर के चार ह़िस्से कर के एक ह़िस्से से लौह़े मह़फ़ूज़ और दूसरे से क़लम को पैदा फ़रमाया । फिर क़लम से इरशाद फ़रमाया : लिख ! तो क़लम पर एक हज़ार साल तक हैबते इलाही से लरज़ा त़ारी रहा । इस के बाद क़लम ने अ़र्ज़ की : ऐ मेरे रब्बे करीम ! क्या लिखूं ? इरशाद फ़रमाया : لَآاِلٰہَ اِلَّا اللہُ مُحَمَّدٌ رَّسُوْلُ اللہِ लिख । पस क़लम ने लिखा और मख़्लूक़ के मुतअ़ल्लिक़ इ़ल्मे इलाही पर रसाई पा ली । फिर उस ने येह बातें लिखीं : (1) ह़ज़रते आदम عَلَیْہِ السَّلَام की पुश्ते मुबारक में मौजूद औलाद की तादाद । (2) जो इत़ाअ़ते इलाही बजा लाएगा, अल्लाह पाक उसे जन्नत में दाख़िल फ़रमाएगा और जो उस की ना